सैर सपाटा (पहली कड़ी - चंदेरी)

सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां,

जिंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां।

इस सीरीज की इस पहली कड़ी में हम आपको एक ऐसे ऐतिहासिक नगर की सैर पर ले चलते हैं जो इतिहास से लेकर आधुनिकता के हर पैमाने पर खरा उतरने की कोशिश करता नजर आता है ।

विध्यांचल श्रेणी के पहाड़ों की गोद में बसा हुआ यह ऐतिहासिक नगर अपनी पुरातन धरोहर को महाभारत काल से शुरू करता है , चेदी नरेश शिशुपाल जिनका वध श्रीकृष्ण ने सम्राट युधिष्ठिर की सभा में किया था , उन्ही शिशुपाल की राजधानी का क्षेत्र आज चंदेरी और उसके आसपास के क्षेत्र में आता हैं। जो अपनी ऐतिहासिकता को समेटे हुए अपनी कहानी कहती है। महाजनपद काल से आते हुए मध्यकाल में मुगल सम्राट बाबर का चंदेरी पर किया गया आक्रमण तथा राजा मेदनीराय का युद्ध में इस प्रकार पराक्रम दिखाना कि महल के एक दरवाजे का नाम ही खूनी दरवाजे के नाम पर पड़ गया। इस आक्रमण के समय ही रानियों द्वारा किया गया `जौहर ' प्रसिद्ध है।

चंदेरी अपनी पुरातात्विक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां महावीर बर्धमान की करीब 1500 साल पुरानी मूर्तियां और कई अन्य मूर्तियां बूढ़ी चंदेरी में मिलती हैं जिनको आज "चंदेरी संग्रहालय" में एकत्र करके रखा गया हैं।

चंदेरी की साड़ियों को जी. आई. टैग मिला हुआ है, ये साड़ियां विश्व प्रसिद्ध हैं ।

ऐतिहासिकता के साथ साथ चंदेरी अपनी आधुनिकता के लिए भी जानी जाने लगी है। आज ये जगह फिल्म पर्यटन के रूप में विकसित हो रही है। स्त्री, सुई धागा, कलंक, छतरी वाली जैसी कई फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग यहां हो चुकी है। विध्यांचल पहाड़ों के बीच में बसा हुआ यह शहर हर मौसम में अपनी एक अलग ही छवि का प्रदर्शन करता है, यहां पर स्थित मालन खो ,कठोती खो और आम खो आदि झरने इसे और मनोरम बनाते हैं। यहां पर उपस्थित मंदिरों में जागेश्वरी माता का मंदिर प्रसिद्ध है। यहां की बावड़ियां, तालाब, लक्ष्मण मंदिर और जामा मस्जिद अपनी अलग ही मनोरम छटा बनाए हुए हैं। वहीं 12 किलोमीटर दूर बेतवा नदी पर बना हुआ राजघाट बांध भी अपने आप में दर्शनीय है।

अपनी ऐतिहासिक, ग्रामीण और आधुनिक तीनों ही संस्कृतियों से मिश्रित चंदेरी की संस्कृति एक अलग रूप का प्रदर्शन करती है, तो यदि आप ऐतिहासिकता और आधुनिकता की समेकित संस्कृति का दर्शन करना चाहते हैं तो मैं आपको बिल्कुल सलाह दूंगा कि आप दिल्ली से ट्रेन के माध्यम से ललितपुर स्टेशन पहुंचिए वहां से 20 किलोमीटर दूर चंदेरी जरूर जाए।

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Upendra Thapak

भारतीय जन संचार संस्थान में विद्यार्थी